आज इस पोस्ट में हम आपको Laxmi Chalisa PDF लाये है जिसे पढकर आपके घर में कभी भी धन की कमी नही होगी Laxmi Chalisa PDF से आप अपने घर में रोजना पाठ करेंगे तो आपके घर में भी अपार धन होगा बंगला होगा गाड़ी होगी और सब कुछ होगा जो आप चाहते है Laxmi Chalisa PDF जिसके रोजाना पाठ से आप लक्ष्मी जी को प्रसन कर पाएंगे Laxmi Chalisa PDF में अपार शक्ति है जिसकी मदत से आप रातो रात अमीर हो पाऊगे इस लिए हम आपके लिए ये Laxmi Chalisa PDF लाये है जिसकी मदत से आप भी धनि बन जायंगे Laxmi Chalisa PDF को डाउनलोड करने के लिए आपको ब्लॉग के निचे जाकर डाउनलोड कर सकते है
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लक्ष्मी चालीसा हिंदी PDF | Laxmi Chalisa PDF

धन और अपार शक्ति से भरपूर माँ लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए आप Laxmi Chalisa PDF से लक्ष्मी जी को प्रसन्न कर धनि बन सकते है Laxmi Chalisa PDF देने वाला हुए और Laxmi Chalisa PDF के साथ हम आपको Laxmi जी की आरती भी देने वलेर जिसे आप मा जी आरती आसानी से कर सकती है
॥ दोहा ॥
मातु लक्ष्मी करि कृपा, करो हृदय में वास ।
मनोकामना सिद्ध करि, परुवहु मेरी आस ॥
॥ सोरठा ॥
यही मोर अरदास, हाथ जोड़ विनती करुं ।
सब विधि करौ सुवास, जय जननि जगदम्बिका ॥
॥ चौपाई ॥
सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही । ज्ञान बुद्धि विद्या दो मोही ॥
तुम समान नहिं कोई उपकारी । सब विधि पुरवहु आस हमारी ॥
जय जय जगत जननि जगदम्बा । सबकी तुम ही हो अवलम्बा ॥
तुम ही हो सब घट घट वासी । विनती यही हमारी खासी ॥
जगजननी जय सिन्धु कुमारी । दीनन की तुम हो हितकारी ॥
विनवौं नित्य तुमहिं महारानी । कृपा करौ जग जननि भवानी ॥
केहि विधि स्तुति करौं तिहारी । सुधि लीजै अपराध बिसारी ॥
कृपा दृष्टि चितववो मम ओरी । जगजननी विनती सुन मोरी ॥
ज्ञान बुद्धि जय सुख की दाता । संकट हरो हमारी माता ॥
क्षीरसिन्धु जब विष्णु मथायो । चौदह रत्न सिन्धु में पायो ॥
चौदह रत्न में तुम सुखरासी । सेवा कियो प्रभु बनि दासी ॥
जब जब जन्म जहां प्रभु लीन्हा । रुप बदल तहं सेवा कीन्हा ॥
स्वयं विष्णु जब नर तनु धारा । लीन्हेउ अवधपुरी अवतारा ॥
तब तुम प्रगट जनकपुर माहीं । सेवा कियो हृदय पुलकाहीं ॥
अपनाया तोहि अन्तर्यामी । विश्व विदित त्रिभुवन की स्वामी ॥
तुम सम प्रबल शक्ति नहीं आनी । कहं लौ महिमा कहौं बखानी ॥
मन क्रम वचन करै सेवकाई । मन इच्छित वांछित फल पाई ॥
तजि छल कपट और चतुराई । पूजहिं विविध भांति मनलाई ॥
और हाल मैं कहौं बुझाई । जो यह पाठ करै मन लाई ॥
ताको कोई कष्ट नोई । मन इच्छित पावै फल सोई ॥
त्राहि त्राहि जय दुःख निवारिणि । त्रिविध ताप भव बंधन हारिणी ॥
जो चालीसा पढ़ै पढ़ावै । ध्यान लगाकर सुनै सुनावै ॥
ताकौ कोई न रोग सतावै । पुत्र आदि धन सम्पत्ति पावै ॥
पुत्रहीन अरु सम्पति हीना । अन्ध बधिर कोढ़ी अति दीना ॥
विप्र बोलाय कै पाठ करावै । शंका दिल में कभी न लावै ॥
पाठ करावै दिन चालीसा । ता पर कृपा करैं गौरीसा ॥
सुख सम्पत्ति बहुत सी पावै । कमी नहीं काहू की आवै ॥
बारह मास करै जो पूजा । तेहि सम धन्य और नहिं दूजा ॥
प्रतिदिन पाठ करै मन माही । उन सम कोइ जग में कहुं नाहीं ॥
बहुविधि क्या मैं करौं बड़ाई । लेय परीक्षा ध्यान लगाई ॥
करि विश्वास करै व्रत नेमा । होय सिद्ध उपजै उर प्रेमा ॥
जय जय जय लक्ष्मी भवानी । सब में व्यापित हो गुण खानी ॥
तुम्हरो तेज प्रबल जग माहीं । तुम सम कोउ दयालु कहुं नाहिं ॥
मोहि अनाथ की सुधि अब लीजै । संकट काटि भक्ति मोहि दीजै ॥
भूल चूक करि क्षमा हमारी । दर्शन दजै दशा निहारी ॥
बिन दर्शन व्याकुल अधिकारी । तुमहि अछत दुःख सहते भारी ॥
नहिं मोहिं ज्ञान बुद्धि है तन में । सब जानत हो अपने मन में ॥
रुप चतुर्भुज करके धारण । कष्ट मोर अब करहु निवारण ॥
केहि प्रकार मैं करौं बड़ाई । ज्ञान बुद्धि मोहि नहिं अधिकाई ॥
॥ दोहा ॥
त्राहि त्राहि दुख हारिणी, हरो वेगि सब त्रास ।
जयति जयति जय लक्ष्मी, करो शत्रु को नाश ॥
रामदास धरि ध्यान नित, विनय करत कर जोर ।
मातु लक्ष्मी दास पर, करहु दया की कोर ॥
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माँ लक्ष्मी आरती | Maa Lakshmi Aarti Free

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुम को निशदिन सेवत मैयाजी को निस दिन सेवत हर विष्णु विधाता ।
ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
उमा रमा ब्रह्माणी, तुम ही जग माता । ओ मैया तुम ही जग माता ।
सूर्य चन्द्र माँ ध्यावत नारद ऋषि गाता, ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
दुर्गा रूप निरंजनि सुख सम्पति दाता, ओ मैया सुख सम्पति दाता ।
जो कोई तुम को ध्यावत ऋद्धि सिद्धि धन पाता, ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
तुम पाताल निवासिनि तुम ही शुभ दाता, ओ मैया तुम ही शुभ दाता ।
कर्म प्रभाव प्रकाशिनि, भव निधि की दाता, ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
जिस घर तुम रहती तहँ सब सद्गुण आता, ओ मैया सब सद्गुण आता ।
सब संभव हो जाता मन नहीं घबराता, ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता, ओ मैया वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव सब तुम से आता, ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
शुभ गुण मंदिर सुंदर क्षीरोदधि जाता, ओ मैया क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहीं पाता , ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
महा लक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता, ओ मैया जो कोई जन गाता ।
उर आनंद समाता पाप उतर जाता , ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
स्थिर चर जगत बचावे कर्म प्रेम ल्याता । ओ मैया जो कोई जन गाता ।
राम प्रताप मैय्या की शुभ दृष्टि चाहता, ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
लक्ष्मी चालीसा PDF | Laxmi Chalisa PDF Free Download
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निष्कर्ष
हमारी इस लक्ष्मी चालीसा PDF | Laxmi Chalisa PDF Free Download को अपना बहुत ही कीमती समय देके पढने के लिए आपका धन्यवाद उमीद है की आपको हमारा लक्ष्मी चालीसा PDF | Laxmi Chalisa PDF Free Download जानकारीपूर्ण और मूल्यवान लगा होगा यदि आपको हमारे इस लक्ष्मी चालीसा PDF | Laxmi Chalisa PDF Free Download से आपको कोई भी सवाल पूछना हो तो आप हमें कमेंट करना न भूले धन्यवाद.
FAQ
महालक्ष्मी का व्रत क्यों रखा जाता है?
महालक्ष्मी का व्रत संतान की खुशहाली और घर की सुख समृद्धि के लिए रखा जाता है
महालक्ष्मी की कहानी क्या है?
ब्राह्मणी ने 16 दिन तक मां लक्ष्मी की उपासना की। मां लक्ष्मी ने फिर उस ब्राह्मणी को आशीर्वाद दिया और उसके घर में निवास किया। तभी से जो व्यक्ति भाद्रपद महीने में महालक्ष्मी की इन 16 दिनों तक उपासना करता है मां लक्ष्मी उससे प्रसन्न होकर उसे सुख समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
महालक्ष्मी व्रत में क्या क्या खा सकते हैं?
इस व्रत में अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है। सिर्फ केवल दूध, फल, मिठाई आदि का सेवन किया जा सकता है।
क्या लक्ष्मी और महालक्ष्मी एक ही है?
महालक्ष्मी और लक्ष्मी एक ही हैं
घर पर लक्ष्मी पूजा कैसे करें?
एक मेज या मंच या तिपाई स्टैंड रखें और उस पर लाल कपड़ा बिछाएं। बीच में कुछ अनाज रखें और अनाज के बीच में हल्दी पाउडर से एक कमल बनाएं। चौकी पर बिछाए गए अनाज पर लक्ष्मी, गणेश की तस्वीर रखें। चांदी या तांबे के बर्तन में तीन चौथाई पानी भरें।