हनुमान जी की आरती PDF | Hanuman Ji Ki Aarti PDF In Hindi Free

आज हम आपको इस ब्लॉग में Hanuman Ji Ki Aarti PDF देने वाले है हनुमान जी शिवजी का अवतार है पवन पुत्र हनुमान जी का नाम मात्र लेने से ही सारे संकट दूर हो जाते है पवन पुत्र भगवान श्री राम जी के भक्त है और पजरंग बलि हनुमान जी की आरती जो कोई भी करता है तो उसके सारे संकट भगवान हनुमान हर्लेते है हिंदू धर्म में मान्यता है कि भगवान हनुमान कलयुग के देवता हैं। हनुमान जी की पूजा, आराधना और उपवास के लिए मंगलवार का दिन सबसे उत्तम माना गया है। कहा जाता है मंगलवार के दिन हनुमान की पूजा और व्रत रखने से हनुमानजी जल्द प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों के सभी कष्ट हर लेते हैं

हनुमान जी कलयुग मैं भी अपना जोगदान देने वाले है कहा जा रहा है जी जब कलयुग अपनी पर्म चरण मैं होगा तब इस दुनिया पर कलि पुरुष का आतंक हो जायेगा तब इस दुनिया को बचने के लिए भगवान श्री कृष्ण धरती पर आयेंगे जीना साथ भगवान हनुमान भी देंगे इस दुनिया का और जब कलयुग का अंत हो जायेगा तो जिसके बाद फिर से सतयुग की स्थापना की जाएगी

हनुमान जी बहुत ही बुद्धिमान और अपार शक्तियों के देवता है अगर आपकी बुद्धि कमजोर है या आपका बड़ने में मन नही लगता है तो आप भी हनुमान जी का पाठ कर सकते है जिसे आप सुबह उड़कर हनुमान जी को रोजाना एक कलस पानी से नेहलाये और हनुमान जी को सिनूर लगाये और आप भगवान की आरती करे जिसे हनुमान जी आपके सारे संकट हर लेंगे अगर आपको Hanuman Ji Ki Aarti PDF डाउनलोड करना है तो आप हमरे ब्लॉग में जा कर इससे डाउनलोड कर सकते है या फिर इस ब्लॉग को अंत पढ़े

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हनुमान जी की आरती PDF | Hanuman Ji Ki Aarti PDF In Hindi

आप को हम जो Hanuman Ji Ki Aarti PDF देंगे जिसकी मदत से आप आसानी से बजरंगबली हनुमान की आरती आसानी से कर सकते और अगर आपको इसका Hanuman Ji Ki Aarti PDF भी चाहिए तो आप इसका पीडीऍफ़ भी डाउनलोड कर सकते है

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई। सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥
आरती कीजै हनुमान लला की।

दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारि सिया सुधि लाए॥
लंका सो कोट समुद्र-सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई॥
आरती कीजै हनुमान लला की।

लंका जारि असुर संहारे। सियारामजी के काज सवारे॥
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आनि संजीवन प्राण उबारे॥

आरती कीजै हनुमान लला की।

पैठि पाताल तोरि जम-कारे। अहिरावण की भुजा उखारे॥
बाएं भुजा असुरदल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे॥

आरती कीजै हनुमान लला की।

सुर नर मुनि आरती उतारें। जय जय जय हनुमान उचारें॥
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई॥

आरती कीजै हनुमान लला की।

जो हनुमानजी की आरती गावे। बसि बैकुण्ठ परम पद पावे॥
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥

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हनुमान जी की आरती PDF | Hanuman Ji Ki Aarti PDF In Hindi Free Download

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निष्कर्ष

हमारे इस हनुमान जी की आरती PDF | Hanuman Ji Ki Aarti PDF In Hindi Free Download समय देके पढने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद यदि आपको हमारे हनुमान जी की आरती PDF | Hanuman Ji Ki Aarti PDF In Hindi Free Download जानकारीपूर्ण मूल्यवान होगा अगर आपको हमारे हनुमान जी की आरती PDF | Hanuman Ji Ki Aarti PDF In Hindi Free Download से कोई भी सवाल पूछना हो तो आप हमें कमेंट करना न भूले धन्यवाद.

FAQ

हनुमान जी कलयुग में कब तक रहेंगे?

हनुमानजी इस कलियुग के अंत तक अपने शरीर में ही रहेंगे। वे आज भी धरती पर विचरण करते हैं।

भगवान श्री हनुमान कौन थे?

हनुमान जी  भगवान शिव का 11वां रूद्र अवतार है


हनुमान जी को बुलाने का मंत्र क्या है?

'ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट्

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